The best Side of apsara sadhna
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अप्सरा साधना: तकनीक, लाभ और उपाय
It is necessary so that you can be clear just before doing the Sadhana. Thus, have a bathtub with rock salt water (include a handful of rocksalt to the bucket of drinking water after which take a bathtub) so that you are not merely externally cleaned, but internally cleansed in addition.
कुशासन, रेशमी आसन, ऊनी आसन, म्रगचर्म आसन या व्याघ्र चर्म आसन में से साधना के अनुकूल आसन का चयन करें।
आत्म-ज्ञान एवं आत्म-सम्मोहन: अप्सरा साधना के माध्यम से साधक अपनी आत्मा को अधिक समझता है और आत्म-सम्मोहन का अनुभव करता है। यह साधना उसे आत्म-प्रेम और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में ले जाती है।
स्वर्गीय आनंद: अप्सराएं स्वर्गीय लोक में निवास करती हैं और उन्हें नित्य सुख और आनंद का अनुभव होता है। इससे वे अपनी शक्तियों को बढ़ाती हैं।
अप्सरा और परी दोनों ही हिन्दू मिथकों और पौराणिक कथाओं में उल्लेखित स्वर्गीय स्त्री देवियां हैं, लेकिन इनके बीच भिन्नता है। यहां अप्सरा और परी में कुछ मुख्य अंतर हैं:
Reply Jothimurugan A October 30, 2019 Please aid me to turn negatively more info turned apsara sadhana to constructive. Share me your cell ,whatapp or electronic mail be sure to . Why don't you replying me? Be sure to reply me
गुरु की शरण में आवेश: सबसे पहले, साधक को अप्सरा साधना को सिद्ध करने के लिए एक प्रमुख गुरु की शरण में आना चाहिए। गुरु के मार्गदर्शन में साधक अप्सरा साधना के उपायों और तकनीकों को सीखता है।
इन चरणों का पालन करके साधक अप्सरा साधना को सिद्ध कर सकता है और आत्मा के उत्थान के लिए सहायक हो सकता है।
Apsara Sadhana is usually a transformative program that delves into the ancient follow of connecting with celestial beings often called Apsaras.
The idea of Apsaras has its origins in Hindu mythology and is outlined in a variety of ancient texts, such as the Rigveda along with the Mahabharata.
आध्यात्मिक जगत में अप्सरा साधना एक प्राचीन और महत्वपूर्ण विषय है। इस लेख में हम इस विषय पर गहराई से जानकारी प्रदान करेंगे, साथ ही इस साधना के महत्व और तकनीकों को समझाएंगे।
[…] हे यह २१ दिन की साधना है और ५१ माला मंत्र जप करना आवश्यक हे साधना स्फटिक की माला […]
भावनात्मक उत्थान: अप्सरा साधना साधक की भावनात्मक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह साधना उसे प्रेम, करुणा, और सहानुभूति की भावना से प्रेरित करती है।